देहरादून में लोगों को स्ट्रीट डॉग से मिलेगी निजात, एग्रेसिव व्यवहार मिला तो भेजा जाएगा डॉग शेल्टर सेंटर

देहरादून में लोगों को स्ट्रीट डॉगों से जल्द राहत मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब देहरादून नगर निगम अब उन स्ट्रीट डॉग्स पर लगाम कसने जा रहा है. जो शहर में लोगों पर हमला करते हैं या जिनका व्यवहार एग्रेसिव हो गया है. नगर निगम ने इन डॉग्स के लिए राज्य का पहला डॉग शेल्टर सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. नई नीति के तहत ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट डॉगों को नियमित रूप से खाना खिलाते हैं. यदि उनके कुत्ते किसी राहगीर पर हमला करते हैं तो उन्हें कुत्ते का मालिक माना जाएगा और एक से दो हजार रुपए तक का चालान किया जा सकेगा.

शेल्टर के लिए शासन से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द काम भी शुरू होगा. देहरादून के इस डॉग शेल्टर सेंटर में हर डॉग को तब तक रखा जाएगा.जब तक उसका व्यवहार सामान्य न हो जाए और सजा से पहले डॉग की पूरी जांच होगी. बिना जांच के नहीं रखा जाएगा. नगर निगम की एक स्पेशल कमेटी व्यवहार की जांच करेगी और फिर उसके रिकमेंडेशन के बाद ही डॉग्स को शेल्टर भेजा जाएगा. वहीं पशु प्रेमी लोग इन निराश्रित कुत्तों को गोद भी ले सकेंगे. इसके लिए संबंधित नगर निकाय में आवेदन करना होगा. गोद लिए गए कुत्ते को चिह्नित कर विधिवत अनुमति दी जाएगी. एक बार गोद लेने के बाद उसका परित्याग नहीं कर सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने निराश्रित कुत्तों के संबंध में 22 अगस्त को आदेश जारी किया था. इसी आदेश के क्रम में शासन ने नियम जारी किए हैं. अपर सचिव संतोष बडोनी की ओर से इस संबंध में निर्देश निदेशक शहरी विकास, सभी नगर आयुक्त नगर निगम, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका व नगर पंचायत को भेजे गए हैं. वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी वरुण अग्रवाल ने बताया है कि नगर निगम शंकरपुर क्षेत्र में एक बड़े डॉग शेल्टर के निर्माण की योजना बना रहा है. जिसकी क्षमता मौजूद एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर से कहीं गुना अधिक होगी. फिलहाल नगर निगम की एबीसी सेंटर में 72 कुत्तों को रखने की सुविधा है, इसे भी बढ़ाकर 150 से 200 से अधिक किया जाएगा.

नगर निगम की ओर से एक कुत्ता शिकायत प्रकोष्ठ भी बनाया जा रहा है. जिसके लिए जल्द टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा. नागरिकों को जागरूक करने के लिए पोस्टर बैनर और प्रचार अभियानों की भी योजना है.नगर निगम अब हमलावर और आक्रामक कुत्तों की पहचान कर उन्हें लंबे समय तक केंद्र में रखकर इलाज और व्यवहार सुधार की नीति पर काम करेगा. साथ ही साल 2016 से अब तक करीब 54000 कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जा चुका है, जबकि अभी लगभग 20% कुत्तों की नसबंदी बाकी है. नई नीति के तहत ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट डॉगों को नियमित रूप से खाना खिलाते हैं. यदि उनके कुत्ते किसी राहगीर पर हमला करते हैं तो उन्हें कुत्ते का मालिक माना जाएगा और एक से दो हजार रुपए तक का चालान किया जा सकेगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निकायों को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का आदेश दिए हैं.




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