लोकसभा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद अब बदरीनाथ और मंगलौर की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। चुनाव आयोग की ओर से उपचुनावों को लेकर तारीखों का भी ऐलान किया जा चुका है। उपचुनाव पर भाजपा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों की विधानसभा उपचुनाव में दूसरी परीक्षा होने जा रही है।
दोनों ही दलों पर जहां अपनी-अपनी सीटें बढ़ाने का दबाव रहेगा, वहीं बदरीनाथ विधानसभा सीट दोनों के लिए ही प्रतिष्ठा का सवाल है। निर्वाचन आयोग ने रिक्त चल रही विधानसभा की बदरीनाथ और मंगलौर सीट के लिए 10 जुलाई को मतदान का ऐलान किया है।इसके बाद भाजपा और कांग्रेस ने धरातल पर बिसात बिछानी शुरू कर दी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी ने भाजपा को मात देकर जीत दर्ज की थी। भंडारी को इस सीट पर 32661 तो भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को 30595 मत मिले थे।
अब परिस्थितियां उलट हो चुकी हैं और भंडारी लोकसभा चुनाव के दौरान विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस को इसकी टीस भी है, क्योंकि उसकी विधानसभा में एक सीट कम हो गई है और अब उसके पास 70 में से सिर्फ 18 सीटें हैं। बदरीनाथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट का गृह क्षेत्र है।लिहाजा भट्ट के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। हालांकि, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट से बढ़त बनाई है। भाजपा प्रत्याशी को यहां से 31854 जबकि कांग्रेस को 23600 वोट मिले थे। अब दोनों ही दलों ने इस सीट को जीतने के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
मंगलौर सीट विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन से खाली हुई है। बसपा ने कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को हराकर सीट कब्जाई थी। बसपा को तब 32567 तो कांग्रेस को 31816 वोट मिले थे। वहीं, भाजपा प्रत्याशी 18612 पर सिमट गया था।हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से बड़ी बढ़त हासिल की। कांग्रेस को 44101 तो भाजपा को 21100 वोट मिले थे, जबकि बसपा सिर्फ 5507 वोट से संतोष करना पड़ा था। उपचुनाव के नतीजे पक्ष में आने से जहां भाजपा का विश्वास और बढ़ेगा वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का नया संचार होगा।