अभिनेता मनोज बाजपेयी इस वक्त अपनी फिल्म ‘साइलेंस 2’ को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई है। हाल ही में मनोज बाजपेयी बॉलीवुड में अपनी अभिनय यात्रा के बारे में बात करते नजर आए। अभिनेता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उनकी बॉलीवुड यात्रा गांव के एक ऐसे लड़के का सफर है, जिसने महज 18 की उम्र में अपना गांव छोड़ दिया था।
पहले सेट पर होता था ऐसा माहौल
अपने फिल्मी सफर को लेकर मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह कल ही की बात है। हमारी इंडस्ट्री बहुत कठिन है, क्योंकि यह बहुत छोटी है… समय के साथ इसमें बहुत सारे बदलाव हुए हैं। सेट बदल गए हैं और हमारे पास सेट पर महिलाओं की इतनी बड़ी मौजूदगी है। अब लोगों को एक बंधी हुई स्क्रिप्ट मिलती है। मैंने जब शुरुआत की थी, तब ऐसा चलन था कि आपको सिर्फ निर्देशक के कहे शब्दों के अनुसार चलना होता था’।
अपने फिल्मी सफर को लेकर मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह कल ही की बात है। हमारी इंडस्ट्री बहुत कठिन है, क्योंकि यह बहुत छोटी है… समय के साथ इसमें बहुत सारे बदलाव हुए हैं। सेट बदल गए हैं और हमारे पास सेट पर महिलाओं की इतनी बड़ी मौजूदगी है। अब लोगों को एक बंधी हुई स्क्रिप्ट मिलती है। मैंने जब शुरुआत की थी, तब ऐसा चलन था कि आपको सिर्फ निर्देशक के कहे शब्दों के अनुसार चलना होता था’।
कई लोगों को कहना है शुक्रिया
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘मैंने जब शुरुआत की तब से लेकर अब तक यह एक लंबी यात्रा रही है। मेरा परिवार बड़ा हो गया है। इस कड़ी में मुझे कई लोगों का शुक्रिया अदा करना है। यह एक गांव के लड़के की यात्रा है, जिसने 18 साल की उम्र में अपना गांव छोड़ दिया था’।
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘मैंने जब शुरुआत की तब से लेकर अब तक यह एक लंबी यात्रा रही है। मेरा परिवार बड़ा हो गया है। इस कड़ी में मुझे कई लोगों का शुक्रिया अदा करना है। यह एक गांव के लड़के की यात्रा है, जिसने 18 साल की उम्र में अपना गांव छोड़ दिया था’।
तुरंत लिखकर दिया जाता था सीन
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘पहले जब हम शूटिंग पर जाते थे तो वह सीन तभी-तभी लिखकर दिया जाता था, तभी उसकी कॉपी आती थी। तब से अब तक कई उतार-चढ़ाव आए हैं। दिल्ली में थिएटर से लेकर अब तक काफी बदलाव हुए हैं। अब मेरी बेटी 13 साल की है। भाई बड़े हो गए हैं, उनके अपने परिवार हैं। कभी-कभी देखता हूं तो यकीन नहीं कर पाता हूं। यह एक लंबी यात्रा रही है। कई लोगों को धन्यवाद कहना है’।
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘पहले जब हम शूटिंग पर जाते थे तो वह सीन तभी-तभी लिखकर दिया जाता था, तभी उसकी कॉपी आती थी। तब से अब तक कई उतार-चढ़ाव आए हैं। दिल्ली में थिएटर से लेकर अब तक काफी बदलाव हुए हैं। अब मेरी बेटी 13 साल की है। भाई बड़े हो गए हैं, उनके अपने परिवार हैं। कभी-कभी देखता हूं तो यकीन नहीं कर पाता हूं। यह एक लंबी यात्रा रही है। कई लोगों को धन्यवाद कहना है’।