जमीन और घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे लोगों को सरकार ने झटका दिया है। उत्तराखंड में घर या जमीन खरीदने में स्टांप विभाग की ओर से लिए जाने वाले रजिस्ट्रेशन शुल्क में दोगुनी बढ़ोत्तरी कर दी गई है। यहां अब रजिस्ट्रेशन शुल्क 25 हजार के बजाय 50 हजार रुपये कर दिया गया है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इसकी अधिसूचना जारी की। बता दें कि इस शुल्क का उपयोग स्टांप विभाग के विभिन्न क्रियाकलापों के लिए होता है। अधिसूचना जारी होने के बाद सोमवार शाम महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय ने संशोधित दरों को लागू करते हुए सभी जिलों को आदेश जारी किए।
बता दें कि उत्तराखंड में साल 2015 में रजिस्ट्रेशन शुल्क तय किया गया था। इसके तहत रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में संपत्ति के मूल्यांकन की दो प्रतिशत राशि देनी होती है। इसकी अधिकतम सीमा 25 हजार थी। अब अधिकतम सीमा को 50 हजार रुपये कर दिया गया है।इधर, वित्त सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक रजिस्ट्रेशन शुल्क को तर्कसंगत और व्यवहारिक रूप से संशोधित किया गया है। संपत्ति के मूल्य का दो प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये, जो राशि कम होगी वही लागू होगी।
उत्तराखंड में रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोत्तरी की मार मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ेगी। लेकिन ये भी बता दें कि उत्तराखंड में कई राज्यों की अपेक्षा रजिस्ट्रेशन शुल्क कम है। सहायक महानिरीक्षक निबंधन अतुल कुमार शर्मा के मुताबिक उत्तराखंड में अन्य राज्यों के मुकाबले रजिस्ट्रेशन शुल्क कम है। उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल एक प्रतिशत है, लेकिन उसकी अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। यानि कोई संपत्ति 10 लाख रुपये की होगी तो 10 हजार रुपये शुल्क देना होगा। वहीं, यदि संपत्ति एक करोड़ रुपये की होगी तो एक लाख रुपये अदा करने होंगे। यह राशि संपत्ति के मूल्य के अनुसार बढ़ती जाएगी।