ABVP राष्ट्रीय अधिवेशन में 5 प्रस्ताव पारित, महारानी अब्बक्का की 500वीं जयंती पर होंगे विशेष कार्यक्रम

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 71 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन हो गया. तीन दिन तक चले अधिवेशन में शिक्षा, जनसांख्यिकीय ताकत, समाज परिवर्तन और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इन दौरान पांच प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए.

देहरादून के परेड ग्राउंड में 3 दिन चले एबीवीपी के अधिवेशन में तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, गुजरात और पूर्वोत्तर राज्यों समेत सभी राज्यों से 1,211 प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इस अधिवेशन में संगठनात्मक विकास, शैक्षिक नीतियों और सामाजिक, संस्कृतिक मुद्दों पर भी गंभीर रूप से विचार विमर्श करके महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

डॉ वीरेंद्र ने बताया कि इसके साथ ही समाज परिवर्तन का वाहक बने युवा विषय के प्रस्ताव को भी 27 नवंबर को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में पारित किया गया.

सोलंकी ने बताया कि अधिवेशन प्रांगण में आयोजित हुई रानी अब्बक्का प्रदर्शनी में अधिवेशन में आए प्रतिनिधियों को संगठन की गतिविधियों, स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति संरक्षण और विद्यार्थी परिषद के 77 वर्षों के कार्यों की समृद्ध झलक दिखाई गई. इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास और उत्तराखंड की लोक परंपराओं को भी दर्शाया गया.

इसके अलावा विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधियों को देशभर में हुए परिषद के कार्यक्रमों, गतिविधियों, आंदोलन और 76 लाख से अधिक सदस्यता के आंकड़ों की जानकारी भी दी गई. उन्होंने बताया कि इसी अधिवेशन में फैसला लिया गया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से लोकतांत्रिक व्यवस्था गड़बड़ा रही है, उस पर तत्काल प्रभाव से काम करने की जरूरत है. जिन बॉर्डर्स पर तार फेंसिंग नहीं हुई है वहां अति शीघ्र तार फेंसिंग की जानी चाहिए.




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