अल्मोड़ा जिले में वनाग्नि की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नगर के स्यालीधार, मनान और डोलीडाना के जंगलों में आग धधक गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया।
नगर के नजदीक स्यालीधार, डोलीडाना और सोमेश्वर के मनान के जंगल में बीते सोमवार देर शाम आग लग गई। कुछ ही देर में जंगल के बड़े दायरे को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। इन घटनाओं में वन संपदा को खासा नुकसान पहुंचा। सूचना मिलने के बाद अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्यालीधार और डोलीडाना के जंगल में लगी आग पर काबू पाया। वहीं मनान के पास जंगल पूरी रात सुलगता रहा। दूसरे दिन सुबह खुद आग बुझ गई तो वन विभाग ने राहत की सांस ली। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि टीम तत्परता से जंगलों की आग बुझाने में जुटी है। वहीं लमगड़ा, धौलादेवी, भैंसियाछाना, सल्ट और चौखुटिया में भी जंगल में आग लगने से लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई।
धुएं से बीमार होने लगे लोग
रानीखेत क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाओं के बाद वातावरण में फैले धुएं से लोग बीमार होने लगे हैं। उप जिला चिकित्सालय रानीखेत के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दीप प्रकाश कार्की ने बताया कि अस्पताल में रोजाना पांच से अधिक मरीज आंखों में संक्रमण, जलन और सूजन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं कई मरीज सांस की दिक्कत से जूझते हुए उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों की बड़ी वजह वातावरण में फैला प्रदूषित धुआं है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप दीक्षित ने बताया कि बारिश होने तक लोगों को मास्क और चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।