बिनसर हादसे के मृतकों और घायलों के परिजनों को नौकरी की मांग के लिए धरना, ये हैं ग्रामीणों की मांग

बिनसर अभयारण्य में हुए हादसे के बाद प्रभावितों को सरकारी नौकरी देने की मांग पर स्थानीय ग्रामीणों ने बिनसर न्याय मंच संगठन के बैनर तले अभयारण्य के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना दिया। डीएफओ और रेंजर के मौके पर न पहुंचने से ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया और वह पूरे दिन धरने पर डटे रहे। शाम को डीएफओ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। डीएफओ ने किसी तरह उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए ग्रामीणों को धरने से उठाया।

बिनसर में हुई वनाग्नि की घटना को वन विभाग की लापरवाही करार देते हुए बिनसर न्याय मंच के बैनर तले ग्रामीण बुधवार को अभयारण्य के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर न पहुंचने से ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया। उच्चाधिकारियों ने गणनाथ के रेंजर को मौके पर भेजा लेकिन ग्रामीण डीएफओ और संबंधित रेंजर के मौके पर पहुंचने की बात पर अड़े रहे।

बाद में अल्मोड़ा से डीएफओ हेम चंद्र गहतोड़ी और अभयारण्य के रेंजर मनोज सनवाल ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वे प्रभावितों को सरकारी नौकरी देने का लिखित आश्वासन देने पर अड़े रहे। किसी तरह डीएफओ ने उन्हें उचित कार्यवाही का आश्वासन देकर धरने से उठाया। उन्होंने कहा कि उनके स्तर से निस्तारित होने वाली समस्याओं का जल्द समाधान होगा। अन्य समस्याओं को लेकर शासन से पत्राचार होगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी इन मांगों पर गौर नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन करेंगे। वहां पर चंदन सिंह बिष्ट, अशोक भोज, महेश कुमार, ईश्वर जोशी, कमला भाकुनी, प्रताप सिंह, हेमंत कुमार, किरन भाकुनी, तारा नगरकोटी, जीवन चंद्र आदि शामिल रहे।

ये हैं ग्रामीणों की मांग

-हताहतों और घायलों के परिजनों को सरकारी नौकरी।-मृतकों के परिजनों को 50 लाख, घायलों के परिजनों को 25 लाख मुआवजा मिलना चाहिए।

-वनबीट अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने, फायर वाॅचरों की नियुक्ति ग्राम और वन पंचायत को विश्वास में लेकर होनी चाहिए।- फायर वाॅचरों का बीमा कराने और उन्हें एक हजार रुपये प्रतिदिन का मानदेय मिलना चाहिए।

-वनाग्नि के कार्य में लगाए जा रहे कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।- अग्नि बटियाओं का निर्माण किए जाने, वनाग्नि पर काबू पाने के लिए चाल खाल, तालाब, चेकडैम का निर्माण किया जाना चाहिए।

-चीड़ के पेड़ों के विस्तार को रोकने के लिए उचित प्रयास, बिनसर अभयारण्य में प्रवेश के लिए मिलने वाले शुल्क को आसपास के गांवों के विकास में खर्च करना चाहिए।

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