देहरादून में एमडीडीए के नोटिस से हड़कंप, 100 परिवारों को घर खाली करने का फरमान, लोगों ने मेयर को सुनाई पीड़ा

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के नोटिस से देहरादून के एक इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. एमडीडीए ने कुछ दिनों पहले नदी किनारे काठ बंगला बस्ती के करीब 100 परिवारों को नोटिस भेजा था. नोटिस में साफ किया है कि सभी 100 परिवारों को 15 दिन के भीतर घर खाली करने होंगे. साथ ही नोटिस में बताया गया है कि सभी को काठ बंगला में बनी ईडब्लूएस आवासीय फ्लैट में पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित किया जाएगा.

इस नोटिस के बाद काठ बंगला बस्ती के लोग बुधवार को देहरादून नगर निगम के दफ्तर में पहुंचे, जहां उन्होंने मेयर सौरभ थपलियाल से बात की. मेयर सौरभ थपलियाल ने लोगों को आश्वासन दिया है कि वो इस संबंध में एमडीडीए के अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे.

दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों के बाद रिस्पना नदी के अधिसूचित बाढ़ परिक्षेत्र में मौजूद अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में एमडीडीए ने तरला नागल और ढाकपट्टी क्षेत्र के निवासियों को औपचारिक नोटिस जारी करते हुए अवैध निर्माणों की पहचान, सत्यापन और पुनर्वास से जुड़ी कार्रवाई की जानकारी दी है.

हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई की थी, तभी उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनजीटी के आदेश के तहत स्पष्ट किया था कि रिस्पना नदी के किनारे बाढ़ परिक्षेत्र में किए गए किसी भी नियम-विरुद्ध निर्माण को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार संबंधित विभागों की ओर से तुरंत हटाया जाना अनिवार्य है.

इस कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी देहरादून ने नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसमें पुलिस अधीक्षक शहर, सचिव एमडीडीए, उप जिलाधिकारी सदर व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शामिल हैं.

समिति को प्रभावित परिवारों के सर्वे, पात्रता निर्धारण और पुनर्वास प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है. नगर निगम, राजस्व, पुलिस और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीमों ने विद्युत बिल, गैस कनेक्शन और स्थलीय निरीक्षण के आधार पर घर-घर जाकर निवासियों की पात्रता का सत्यापन किया था.




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *