प्रधानाचार्य की विभागीय सीधी भर्ती को निरस्त करने की मांग को लेकर शिक्षकों का शिक्षा निदेशालय पर क्रमिक अनशन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। सरकारी शिक्षकों ने भूख हड़ताल का ऐलान किया है। गुरुवार को टिहरी और चंपावत के शिक्षक अनशन पर बैठे। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षक शनिवार 14 से बेमियादी भूख हड़ताल शुरू करेंगे और 16 सितंबर से पूर्ण कार्यबहिष्कार होगा।चौहान ने कहा कि जब तक परीक्षा पूरी तरह से निरस्त नहीं की जाती, शिक्षक आंदोलन वापस नहीं लेंगे। अभी हाल में सरकार ने भर्ती को स्थगित किया है। न तो संघ को ही विधिवत सूचना दी और न ही कोई समझौता ही किया है। जब तक सरकार शत प्रतिशत प्रमोशन और वर्तमान सीधी भर्ती पर पुनर्विचार करने का लिखित आश्वासन नहीं देती, शिक्षक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रांतीय उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी ने कहा कि भर्ती स्थगित होने के आधार पर गुमराह न हों। प्रधानाचार्य का पद शतप्रतिशत पदोन्नति का पद है। यदि सरकार न मानी तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। गुरुवार को क्रमिक अनशन पर जिलाध्यक्ष-टिहरी दिलबर रावत, बुद्धि प्रसाद भट्ट,जगमोहन शर्मा,लक्ष्मण सिंह रावत, संजय गुसाईं, जिलाध्यक्ष चंपावत जगदीश अधिकारी, इंदुवर जोशी, अमित कुमार, कुलदीप चौहान, विनोद गहतोड़ी, गोविंद मेहता आदि बैठे।
दोपहर अपर निदेशक-माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने फोन पर संघ अध्यक्ष चौहान से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार ने भर्ती को फिलहाल स्थगित कर दिया। उन्होंने अब शिक्षकों से आंदोलन वापस लेकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू करने करने की अपील की। हालांकि संघ ने बिना लिखित आश्वासन लिए आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिया।
परीक्षा समर्थक शिक्षक भी खुलकर आगे आए
प्रधानाचार्य पद पर विभागीय सीधी भर्ती को स्थगित करने और उसे निरस्त करने की शिक्षक संघ की मांग के विरोध में परीक्षा समर्थक शिक्षक खुलकर आगे आए हैं। उनका कहना है कि प्रधानाचार्य के 50 फीसदी रिक्त पदों को विभागीय शिक्षकों के बीच सीधी भर्ती से भरा जाना न केवल शिक्षकों बल्कि स्कूल और छात्रों के हित में है।
गुरुवार को परीक्षा समर्थक शिक्षकों के प्रतिनिधि द्वारिका प्रसाद पुरेाहित ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि प्रधानाचार्य भर्ती में एलटी शिक्षकों को शामिल करने की मांग वाजिब है, लेकिन जिस प्रकार भर्ती को निरस्त करने की मांग की जा रही है वो शिक्षक संघ की हठधर्मिता और छात्र-शिक्षा हित की अनदेखी है।
जब चार अगस्त 2023 को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परीक्षा पर स्थिति स्पष्ट हो चुकी थी, तो फिर आंदोलन की आवश्यकता क्या थी? परीक्षा को स्थगित किया जाना तैयारी कर रहे 2900 से ज्यादा शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है। समर्थक शिक्षक जल्द संशोधित कार्यक्रम जारी कराने की मांग करेंगे।
धरना-प्रदर्शन में जगदीश बिष्ट, लक्ष्मण सजवान, दिनेश नौटियाल, राजमोहन सिंह रावत,प्रणय बहुगुणा, श्याम सिंह सरियाल,गोकुल सिंह मार्तोलिया,हेमंत पैन्यूली, रवि शंकर गुसाईं, महेंद्र पटवाल,नवजीत बधानी, रविंद्र सिंह राणा, कुलदीप भंडारी, शिव सिंह नेगी, नरेश भट्ट मौजूद रहे।