मिड डे मील में एक्सपायरी डेट के 6 हजार दूध के पैकेट लौटाएगा शिक्षा विभाग, 5 साल पुराने मिल्क की होगी जांच

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में चार दिन पूर्व एक्सपायरी दूध स्कूलों में भेजने की जानकारी मिली थी. इसको लेकर विभिन्न संगठनों सहित अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त की थी. आखिरकार स्कूलों में एक्सपायरी दूध भेजने के मामले में शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है.

विभाग दूध के छह हजार से अधिक पैकेट वापस करेगा. इसके अलावा हर विकासखंड से एक्सपायरी दूध के एक-एक पैकेट से सैंपल भरकर इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. पीएम पोषण योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों की सेहत सुधारने के लिए उन्हें सप्ताह में दो दिन फोर्टिफाइड दूध दिया जाता है.

बीते दिनों जिले में 12 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पिलाने के लिए स्कूलों में एक्सपायरी दूध भेज दिया गया. मिड डे मील के लिए पांच साल पुराना एक्सपायरी दूध भेजा गया, जिसके बाद जिले का शिक्षा महकमा और दुग्ध संघ हरकत में आया है. विभाग अब एक्सपायरी दूध के साथ ही पूरी खेप को वापस करेगा. इसकी जगह नये दूध की आपूर्ति होगी.

शिक्षा विभाग के अनुसार जिले में दूध के 6,808 पैकेट की आपूर्ति हुई है. इसमें एक किलो के 5,549 और आधा किलो के 1,259 पैकेट शामिल हैं. इस दूध की कीमत विभाग को 2,533,185 रुपये (25 लाख 33 हजार 185 रुपए) चुकानी है. मामला खुलने के बाद विभाग ने अब संबंधित स्कूलों को दूध के पैकेट को सील करने के निर्देश जारी किए हैं. दुग्ध संघ इस दूध को स्कूलों से उठाएगा.

दूध के पैकेट पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट देखकर भी बड़ा संदेह हो रहा है. एक पैकेट में जो 2020 की पैकेजिंग दर्शा रहा है, उसमें एक्सपायरी डेट और मैन्यूफैक्चरिंग डेट ही उल्टी- सीधी लिखी गई है. ऐसा ही 2025 की पैकेजिंग में दिख रहा है. इससे संदेह हो रहा है कि जब दूध जैसी आवश्यक चीज को लेकर दुग्ध संघ इतना लापरवाह है तो फिर बाकी चीजें कैसे चल रही होंगी, ये जांच का विषय हो सकता है.




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