नैनीताल हाईकोर्ट की बैंच को ऋषिकेश में स्थापित करने के मौखिक निर्णय के विरुद्ध संगठन मुखर हो गए हैं। बुधवार को विभिन्न संगठनों ने खटीमा में सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर मौखिक निर्णय को स्थगित करने की मांग की।खटीमा अधिवक्ता एसोसिएशन, पूर्व सैनिक संगठन, राज्य निर्माण आंदोलनकारी, कुमाऊं सांस्कृतिक उत्थान मंच, उत्तराखंड गर्वनमेंट पेंशनर समिति, पूर्व छात्र पदाधिकारी और व्यापारी नेताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि राज्य गठन से ही हाईकोर्ट नैनीताल में है। इसको गौलापार में स्थानांतरित कर दिया गया है, जो कि न्यायसंगत है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से संबंधित मामला जनहित से जुड़ा हुआ है। इसका संज्ञान लेते हुए सीएम समाधान निकालें। वहां अमित पांडेय, सूरज प्रकाश राणा, हरजीत सिंह, विवेक जोशी, गंभीर सिंह धामी, भुवन भट्ट, गौरीशंकर अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, जानकी गोस्वामी, सतीश भट्ट, ठाकुर सिंह खाती, शिव शंकर भाटिया, डीके कलौनी, ठाकुर सिंह खाती, बीएस मेहता आदि थे।
बाजपुर। हाईकोर्ट को ऊधमसिंह नगर में स्थापित करने को लेकर पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते ने समर्थकों के साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी को संबोधित ज्ञापन एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी को सौंपा। गित्ते ने कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से किसी सुगम और सुविधायुक्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इसके लिए ऊधमसिंहनगर के उपयुुक्त स्थान है।बुधवार को पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते अपने बोर्ड सभासद सहित अन्य समर्थकों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचे। इस दौरान नागरिकों ने एसडीएम आरसी तिवारी से मुलाकात कर उन्हें सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हाईकोर्ट को ऊधमसिंह नगर जिले में शिफ्ट करने की मांग की गई है। बताया कि जिले में हाईकोर्ट के लिए पर्याप्त भूमि रिक्त पड़ी है। सुविधानुसार हाईकोर्ट बनने से लोगों को लाभ मिलेगा। वहां जगतजीत सिंह, महेश कुमार, सिंह स्वरूप भारती, सादक हुसैन, रामअवतार यादव, आसिफ हुसैन, सुनील कुमार, साबिर हुसैन आदि रहे।