लंबी कवायद के बाद काशीपुर में करीब 56 करोड़ की लागत से द्रोण और लक्ष्मीपुर माइनरों पर बहुप्रतीक्षित बाइपास के निर्माण कार्यों का उद्घाटन तो कर दिया गया, लेकिन पोल शिफ्टिंग नहीं होने से तीन माह बाद भी ये दोनों पर काम गति नहीं पकड़ सका है।पोल शिफ्टिंग के लिए ऊर्जा निगम को 4.21 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त भी की जा चुकी है। इन माइनरों के बीचों-बीच रोड में खड़े पोल और ट्रांसफार्मर कब तक शिफ्ट होंगे, इसे लेकर स्थिति अभी भी साफ नहीं है।
काशीपुर में इस समय रामनगर रोड पर आरओबी का निर्माण चल रहा है। ऐसे में रामनगर की ओर जाने वाले और रामनगर से काशीपुर आने वाले यातायात को डायवर्ट करने के लिए द्रोण माइनर पर बाइपास के लिए राशि स्वीकृत की गई है।यह बाइपास रामनगर रोड पर विश्वकर्मा पेपर मिल के पास से शुरू होकर सीधे रुद्रपुर मार्ग पर द्रोणासागर के पास खत्म होगा। 3.02 किमी के इस बाइपास के लिए केंद्र सरकार की ओर से 28 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है।
लेकिन तीन माह बाद भी उर्जा निगम पोल शिफ्टिंग का काम शुरू नहीं कर सका है। फिलहाल बाइपास के दोनों ओर नालों का निर्माण कराया जा रहा है। पोल शिफ्ट नहीं हो पाने के कारण सड़क का काम शुरू नहीं हो सका है।द्रोण माइनर बाइपास पर 1.87 करोड़ और लक्ष्मीपुर बाईपास पर 2.38 करोड़ की लागत से पोल शिफ्टिंग का कार्य होना है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद टेंडर स्वीकृत हो जाएगा। इस कार्य में छह माह से अधिक का समय लग सकता है।