हारकर भी बढ़ा गणेश गोदियाल का कद, पूरे आत्मविश्वास के साथ लड़ी चुनावी जंग

पौड़ी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को भले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन हारकर भी पार्टी में उनका कद बढ़ा है। गोदियाल ने अकेले अपने दम पर पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनावी जंग लड़ी।गढ़वाल क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों को धार देकर चुनाव को मुकाबले में खड़ा किया, जबकि गढ़वाल संसदीय सीट में बदरीनाथ विधानसभा सीट से एक मात्र कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के पार्टी छोड़कर जाने से गोदियाल के चुनाव अभियान को झटका लगा था। मनीष खंडूड़ी के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को प्रत्याशी घोषित किया।

लेकिन, उनके नामांकन में पार्टी की ओर से कोई दिग्गज नेता शामिल नहीं हुआ, जबकि नामांकन रैली में उमड़ी भीड़ की सियासी चर्चाएं खूब हुईं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें एक पुराने मामले में महाराष्ट्र से आयकर विभाग का नोटिस भी मिला, लेकिन गोदियाल ने नोटिस की परवाह नहीं की और प्रचार के मोर्चे पर मजबूती से डटे रहे। साथ ही भाजपा के सियासी वार का सामना किया।भाजपा ने उनकी शैक्षिक योग्यता और मुंबई निवासी होने पर सवाल उठाए। गोदियाल ने अग्निवीर भर्ती, अंकिता भंडारी हत्याकांड, बेरोजगारी को चुनावी मुद्दा बनाकर लोगों से समर्थन देने की अपील की थी। भाजपा के कई दिग्गजों ने चुनावी रैली की, लेकिन गोदियाल ने अकेले मोर्चा संभाला था।

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