लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने के बाद ऐक्शन, नेपाल नहीं इंडिया का होगा उत्तराखंड में अपना पुल

आजादी के बाद से मानसून में अपने ही देश में एक से दूसरी जगह जाने के लिए नेपाल पर निर्भर भारतीयों को अपनी सड़क और पुल जल्द मिलेगा। उत्तराखंड के टनकपुर में थपलियालखेड़ा गांव के लोगों के लिए भारतीय सीमा पर वैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।आजादी के बाद से अब तक लोग नेपाल के रास्ते का सहारा ले रहे थे लेकिन अगले मानसून सीजन में पहली बार अपने वतन में बने पुल से ही आवाजाही करेंगे। इसके अलावा गांव को जोड़ने के लिए जल्द एक सड़क भी बनाई जानी है।

भारत-नेपाल सीमा पर बसे टनकपुर के थपलियालखेड़ा के ग्रामीण लंबे अरसे से सड़क और शारदा नाले पर पुल की मांग कर रहे हैं। दरअसल मानसून सीजन में शारदा नदी के उफान पर होने के कारण इसका एक हिस्सा थपलियालखेड़ा गांव के पास नाले के रूप में बहता है।

जिस कारण बरसात में कई दिनों तक यहां से आवाजाही ठप हो जाती है। बरसात के समय नागरिक नेपाल के रास्तों का प्रयोग करते हैं। थपलियालखेड़ा से नेपाल के ब्रह्मदेव होते हुए भारतीय नागरिक बैराज के रास्ते टनकपुर आते हैं जो काफी लम्बा फेरा होता है। लेकिन अब भारतीयों को शीघ्र ही अपनी सड़क और अपना पुल मिलेगा।बैराज से थपलियालखेड़ा गांव के बीच में पड़ने वाले नाले के ऊपर 44 मीटर लंबा और पांच मीटर चौड़ा वैली ब्रिज बनाया जाएगा। नेपाल सीमा तक भारतीय गांव के लिए पांच किमी सड़क भी बनाई जाएगी। 300 की आबादी वाले इस गांव के 40 परिवारों को लाभ होगा।

ग्रामीणों ने किया था लोस चुनाव का बहिष्कार
नेपाल सीमा से लगे भारत के थपलियालखेड़ा गांव के लोगों ने इस साल लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। गांव के 123 मतदाताओं में से महज 27 लोगों ने ही वोट डाला था। ग्रामीणों का कहना था कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा की वह लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं।

तीन ओर से नेपाल की सीमा से घिरे थपलियालखेड़ा गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधाएं न होने से खफा हैं। सैलानीगोठ की ग्राम प्रधान रमिला आर्या ने बताया कि मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के चलते ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया था।गांव के लिए डीएम के निर्देश पर मानसून तक वैली पुल और पांच किमी सड़क का निर्माण किया जाना है। एस्टीमेट तैयार कर शासन स्तर पर भेजा जाएगा।

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