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चमोली। रुद्रनाथ क्षेत्र में हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। आरोप है कि कई हेलिकॉप्टर रुद्रनाथ मंदिर के ऊपर से सीधे उड़ान भर रहे हैं, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम व पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन भी है। क्षेत्रवासी और पर्यावरणविद् इस गतिविधि को लेकर गंभीर चिंता भी जता रहे हैं।
रुद्रनाथ मंदिर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के सेंचुरी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह क्षेत्र दुर्लभ वन्यजीवों जैसे कस्तूरी मृग, घुरड़, भालू व तेंदुए का आवास है। ऐसे में लगातार हेलिकॉप्टर उड़ानों से न केवल वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास में व्यवधान उत्पन्न भी हो रहा है, बल्कि वे मानव बस्तियों की ओर पलायन भी करने लगे हैं।
मंदिर के ऊपर से उड़ानें, हर 5 मिनट में आवाजाही
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर 5 मिनट में एक हेलिकॉप्टर रुद्रनाथ क्षेत्र से गुजर रहा है, जिनमें से कई मंदिर के ठीक ऊपर से उड़ान भी भरते हैं। तीर्थयात्रियों को केदारनाथ से बदरीनाथ पहुंचाने वाली ये उड़ानें अब पारंपरिक मार्ग पोखरी-ज्योतिर्मठ के बजाय रुद्रनाथ की सीधी हवाई लाइन पकड़ भी रही हैं, जिससे कंपनियों को दूरी और समय दोनों की बचत भी हो रही है।
पर्यावरणविदों ने जताई नाराज़गी
पर्यावरणविद् देवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि, “यह इलाका वन्यजीव संरक्षण के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील है। हेलिकॉप्टर के शोर से वन्यजीव बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। पहले उड़ानें पोखरी होकर बदरीनाथ जाती थीं, लेकिन अब रुद्रनाथ मंदिर के ऊपर से उड़ना नियम विरुद्ध भी है।”
सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग: तय हों उड़ान मानक
सगर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र रावत ने कहा कि, “हेलिकॉप्टर रुद्रनाथ मंदिर और बुग्यालों के बेहद करीब से उड़ रहे हैं। इससे न केवल धार्मिक भावना आहत हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। हेली कंपनियों के लिए सख्त उड़ान मानक तय भी किए जाने चाहिए।”
वन विभाग ने कहा—लेंगे जानकारी
इस मामले में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ तरुण एस ने कहा कि, “हेलिकॉप्टर उड़ानों को लेकर हमें जानकारी नहीं थी। अब मामले की जांच की जाएगी व आवश्यक कार्रवाई पर विचार भी किया जाएगा।”
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