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देहरादून। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के समक्ष उत्तराखंड भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा। प्रतिनिधिमंडल ने इस पहल को “देशहित में ऐतिहासिक कदम” बताते हुए कोविद समिति की सिफारिशों को जनभावना के अनुरूप बताया व पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल में विधायक सहसपुर सहदेव पुंडीर, वरिष्ठ नेता डॉ. देवेंद्र भसीन, रमेश गाड़िया और प्रदेश मंत्री आदित्य चौहान शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल देश को स्थायित्व, सुशासन व संसाधनों की बचत की दिशा में आगे भी ले जाएगी।
भाजपा का कहना है कि बार-बार होने वाले चुनावों से विकास कार्य बाधित होते हैं, खर्च बढ़ता है और प्रशासनिक संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। यदि लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो इससे विकास की गति भी तेज होगी, काले धन पर नियंत्रण व मतदाता जागरूकता में वृद्धि भी होगी।
पार्टी ने यह भी बताया कि वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों में करीब 1 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि एक साथ चुनाव से 12,000 करोड़ रुपये की बचत व GDP में 1.5% वृद्धि भी संभव है।
बीजेपी ने कहा कि यह व्यवस्था भारत में पहले (1952–1967) तक लागू थी और इसे फिर से व्यवहार में लाया भी जाना चाहिए। समिति को सौंपे गए मौखिक व लिखित ज्ञापन में बीजेपी ने इसे लोकतंत्र के हित में आवश्यक सुधार भी बताया।
भाजपा उत्तराखंड ने कोविद समिति की सिफारिशों का स्वागत करते हुए कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” भारतीय लोकतंत्र को अधिक स्थिर, पारदर्शी व प्रभावशाली बना सकता है और यह समय की माँग भी है।
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