शहर के दून विहार स्थित ब्रुक्स एंड वुड कॉलोनी में एक युवक ने मामले झगड़े में अपने पालतू रॉटविलर डॉग को ऑटो चालक पर छोड़ दिया. पीड़ित ने खुद को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाकर जान बचाई. लेकिन उस दौरान कुत्ते ने ऑटो चालक के पैर पर काट लिया. मामला बढ़ा और पुलिस चौकी तक पहुंचा. जहां दोनों पक्षों में समझौता हो गया. इस बीच नगर निगम की टीम को जानकारी मिली तो नए नियमों के आधार पर कुत्ता मालिक का 5 हजार रुपए का चालान कर कुत्ता पालने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है.
जानकारी के अनुसार, 4 नवंबर को राजपुर रोड पर ब्रुक्स एंड वुड कॉलोनी की गली में रोहित अपने रॉटविलर डॉग को पट्टा बांधकर घूम रहा था. इसी दौरान कॉलोनी में खड़े ऑटो चालक दीप नारायण यादव से किसी बात को लेकर उसकी कहासुनी हो गई. बहस इतनी बढ़ गई कि रोहित ने गुस्से में अपने कुत्ते का पट्टा खोल दिया और रॉटविलर ने ऑटो चालक पर हमला कर दिया. इस दौर डॉग ने चालक के पैर पर काट दिया. गनीमत रही कि चालक ने हिम्मत दिखाते हुए खुद को रॉटविलर से छुड़ा लिया, वरना हादसा गंभीर हो सकता था. उसके बाद ऑटो चालक सीधा जाखन पुलिस चौकी पहुंचा और रोहित के खिलाफ शिकायत दी.
पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया, जहां बातचीत के बाद समझौता हो गया. ऑटो चालक ने इलाज का खर्च लेकर मुकदमा दर्ज नहीं कराया. घटना की सूचना नगर निगम को मिली. जिसके बाद नगर निगम की टीम चौकी पहुंची. जांच में सामने आया कि कुत्ता बिना पंजीकरण के पाला जा रहा था. जिस पर नगर निगम की टीम ने मौके पर ही कुत्ते के मालिक रोहित का 5 हजार रुपए का चालान काटा और मालिक को कड़ी चेतावनी दी. उसके बाद युवक ने तत्काल कुत्ते का पंजीकरण कराया. नगर निगम ने उसे 3 महीने के भीतर कुत्ते का बंध्याकरण करने के निर्देश दिए हैं.
करीब 4 महीने पहले राजपुर वार्ड में कौशल्या देवी पर दो रॉटविलर ने मंदिर जाते समय हमला कर दिया था, जिनका इलाज अब भी जारी है. परिवार 12 लाख के आसपास धनराशि इलाज पर खर्च कर चुका है.
नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वरुण अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम खूंखार प्रजातियों के कुत्तों का पंजीकरण कर रहा है. ताकि डाटा उपलब्ध रहे और किसी भी नियम उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. खुले में घूमने या बिना सुरक्षा बेल्ट के कुत्ते लाने पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे. साथ ही खतरनाक नस्ल वाले कुत्तों का पंजीकरण करवाने पर नगर निगम कुत्तों के मालिक से शपथ पत्र ले रहा है. इसके तहत पंजीकरण करवाने के 3 महीने में ऐसे कुत्ते का बंध्याकरण करवाकर चिकित्सक की रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी.