उत्तराखंड में भले ही लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका हो, लेकिन आचार संहिता छह जून तक प्रभावी रहेगी। इसकी वजह से कई पांबदी भी है, जबकि पब्लिक को कुछ राहत भी मिली है। इससे सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह के आयोजन के लिए आपको विधिवत अनुमति लेनी होगी।
निजी आयोजन पर बंदिश नहीं है। देशभर में 16 मार्च से आचार संहिता लागू है। उत्तराखंड में प्रथम चरण के दौरान मतदान हो चुका है, मगर, आचार संहिता छह जून तक प्रभावी रहेगी। इसके साथ ही धारा 144 छह जून तक प्रभावी रहेगी। ऐसे में सामूहिक आयोजनों के लिए जिला प्रशासन से अनुमति जरूरी है।
इसके उल्लंघन पर पुलिस शांति भंग में केस दर्ज कर सकती है। छह जून तक शासन-प्रशासन के कामकाज पर पूर्ववत बंदिश जारी रहेगी। आपदा राहत या आपात काम छोड़कर सीएम और मंत्रिपरिषद के सदस्य आयोग की अनुमति के बाद ही अफसरों की बैठक ले पाएंगे।
इस मामले में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय जोगदंडे के मुताबिक, लोकसभा चुनाव का मतदान सम्पन्न होने के बावजूद किसी भी मामले में आचार संहिता से छूट के लिए भारत निर्वाचन आयोग से ही अनुमति ली जाती है। आयोग एक-एक प्रकरण पर ही विचार कर निर्णय लेता है।
बैठक – मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं ले पाएंगे समीक्षा बैठकें
धरना – धारा 144 लागू होने के चलते धरना, प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक
घोषणा – नई नीति या मतदाताओं को प्रभावित करने वाली घोषणा नहीं हो पाएगी
नया काम – किसी नई योजना की शुरुआत, शिलान्यास या लोकार्पण नहीं हो पाएगा
वाहन – मंत्री, जनप्रतिनिधि सिर्फ ऑफिस आने-जाने के लिए ही ले पाएंगे सरकारी वाहन
तबादले – अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले नई नियुक्ति पर रोक जारी
राहत
-निजी आयोजन -शादी, विवाह सहित निजी आयोजनों पर कोई रोक नहीं
-विकास कार्य-पहले से जारी विकास कार्य नहीं रुकेंगे। इसके साथ ही, पूर्व से जारी लाभकारी योजनाएं भी जारी रहेंगी
-अन्य-सार्वजनिक स्थलों पर आयोजनों के लिए अनुमति जरूरी, आपदा राहत और आपात महत्व के कार्य बिना इजाजत होंगे।
आयोग चारधाम यात्रा तैयारी बैठक, कैंसर अस्पताल के लिए टेंडर प्रक्रिया, हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कैदियों की रिहाई जैसे मामले में अनुमति दे चुका है। चारधाम यात्रा से जुड़े कुछ और प्रस्ताव भी अनुमति के लिए भेजे गए हैं।