लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार के मतदान आंकड़ों ने पार्टियों के सदस्यता अभियान को लेकर किए जाने वाले बड़े बड़े दावों को भी आईना दिखाया है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा उत्तराखंड में 18 लाख सदस्य होने का दावा कर रही है।वहीं कांग्रेस का दावा 22 लाख प्राथमिक सदस्यों का है। इस तरह इन दोनों पार्टियों की सदस्यता संख्या ही 40 लाख तक पहुंच रही है, जबकि प्रदेश में कुल 47,72,484 लोगों ने ही मतदान किया है। सवाल यह है कि क्या भाजपा- कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने साथ एक भी अतिरिक्त मतदाता नहीं ला पाए?
कांग्रेस का 22 लाख सदस्यों वाला दावा सवाल के घेरे में?
उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश में 22 लाख प्राथमिक सदस्य होने का दावा किया है, जिसमें से 90 हजार सक्रिय सदस्य हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन- प्रशासन मथुरा दत्त जोशी ने साल 2022 में चले सदस्यता अभियान के हवाले से यह सदस्यता संख्या बताई है।
जोशी के मुताबिक पार्टी पांच साल के लिए सदस्यता प्रदान करती है, इसके लिए पांच रुपए का शुल्क भी लिया जाता है। वर्तमान सदस्यता वर्ष 2027 तक जारी रहेगी। इधर, यदि काग्रेस के सदस्यता दावे पर यकीन करते हुए माना जाय कि प्रत्येक सदस्य अपने साथ एक अतिरिक्त मतदाता भी मतदान केंद्र तक लेकर आता।तो फिर 44 लाख वोटर तो ऐसे ही मतदान केंद्र तक आ जाते। लेकिन मतदान के आंकड़े इसकी गवाई नहीं दे रहे हैं, इस तरह कांग्रेस का सदस्यता दावा भी सवालों के घेरे में है।
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की सदस्य संख्या भी बेअसर
उत्तराखंड में भाजपा 18 लाख के करीब सदस्य होने का दावा करती है। प्रचार अभियान के दौरान भाजपा ने कुछ बूथों पर शत प्रतिशत मत के साथ ही प्रदेश में कुल 75 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा था। जाहिर है।
इसके लिए पार्टी सदस्यों को खुद के साथ ही अपने परिचितों से भी मतदान कराना था। लेकिन मतदान प्रतिशत से साफ है कि पार्टी इसमें पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाई है। भाजपा ने राज्य में कांग्रेस सहित अन्य दलों से करीब 15 हजार कार्यकार्तओं को जोड़ने का दावा कियालेकिन अब इन दावों के असर पर भी सवाल हैं। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि पार्टी के राज्य में 18 लाख के करीब सदस्य हैं और सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में आम लोगों ने भी पार्टी के पक्ष में मतदान किया।