बिजली की मांग शनिवार के लिए 62.22 मिलियन यूनिट पहुंच गई है, जो जून महीने का अभी तक का रिकॉर्ड है। मई महीने में यह रिकॉर्ड मांग 64 एमयू को भी पार कर चुकी है। 62.22 एमयू मांग को पूरा करने को 50.79 एमयू बिजली ही उपलब्ध हो पाई। शेष मांग को पूरा करने को 10.48 एमयू बिजली बाजार से जुटाई जा रही है। इसके लिए सात से आठ करोड़ की बिजली प्रतिदिन अतिरिक्त रूप से खरीदी जा रही है।
बिजली की जबरदस्त मांग ने खड़ा किया संकट
बिजली सप्लाई सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा निगम के पसीने छूट रहे हैं। लोड बढ़ने की स्थिति में सब स्टेशनों पर लोड कम करने के लिए बिजली काटनी पड़ रही है, ताकि सब स्टेशन पर बड़ा फॉल्ट न आ पाए।
लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मरों में आग की घटनाएं बढ़ींपिछले एक सप्ताह में ट्रांसफार्मरों में आग लगने की दर्जनभर से अधिक घटनाएं सामने आई हैं। अधिकतर घटनाएं पीक आवर्स के समय हुई हैं। इस दौरान सब स्टेशनों पर भी लोड बढ़ रहा है।इसके साथ ही ट्रांसफार्मर भी ओवर लोडेड हो रहे हैं। पिछले दिनों देहरादून में कुंजापुरी विहार में ट्रांसफार्मर पूरी तरह जल कर खाक हो गया। टिहरी में ट्रांसफार्मर में लगी आग ने नजदीक के जंगल तक को अपनी चपेट में ले लिया था।
लोड बढ़ने से न सिर्फ ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, बल्कि बिजली सप्लाई भी घंटों गायब हो रही है। लोड सामान्य होने में समय लग रहा है। इसके कारण लोगों को भीषण गर्मी में घंटों बिना बिजली के गुजारने पड़ रहे हैं। अभी तक हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल जिले में ही सबसे अधिक दिक्कतें थी, लेकिन अब देहरादून शहर में भी ये दिक्कत बढ़ने लगी है।उपभोक्ताओं को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम है। रोस्टिंग की जरूरत नहीं पड़ रही है। सिर्फ लोड बढ़ने पर सप्लाई बनाए रखने को कुछ देर के लिए शटडाउन लिया जाता है। ताकि उपभोक्ताओं को अधिक दिक्कत न पेश आए।