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देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी की कड़ी मंशा और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में देहरादून जिला प्रशासन ने अवैध और अनाधिकृत धार्मिक संरचनाओं पर शिकंजा कसना भी शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में सभी विभागों को 3 दिन के भीतर अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद अवैध धार्मिक निर्माणों की सर्वे रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए गए।
डीएम ने दिया सख्त संदेश – अनियमितता बर्दाश्त नहीं
कलेक्ट्रेट सभागार में हुई इस बैठक में डीएम बंसल ने स्पष्ट किया कि यह कार्य उच्च प्राथमिकता वाला है और इसमें कोई भी लापरवाही नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि सर्वे में किसी विभाग की परिसंपत्ति पर अवैध धार्मिक संरचना पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी भी माना जाएगा।
सभी विभाग करें परिसंपत्तियों का पुनः सर्वेक्षण
डीएम ने नगर निगम, नगर पालिका, एमडीडीए, तहसील व सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपनी परिसंपत्तियों का पुनः सर्वेक्षण करें और अवैध संरचनाओं की स्पष्ट रिपोर्ट लिखित रूप में 3 दिन के भीतर उपलब्ध भी कराएं। यहां तक कि यदि किसी विभाग के अंतर्गत ऐसी कोई संरचना नहीं है, तब भी “शून्य रिपोर्ट” देना अनिवार्य भी किया गया है।
निर्माण हटाने के लिए तय होगी समयसीमा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चिन्हित अवैध धार्मिक निर्माणों को समयबद्ध ढंग से हटाया भी जाएगा। डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि कानून व्यवस्था और सार्वजनिक हित के नाम पर की जा रही अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त ही नहीं किया जाएगा और ऐसे निर्माणों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
अब तक की गई कार्रवाई
- सिंचाई विभाग ने जानकारी दी कि उनकी परिसंपत्तियों पर बने 7 अवैध धार्मिक ढांचों में से 5 हटा दिए गए हैं। बाकी दो (बद्रीपुर नहर और कारगी नहर) के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
- वन विभाग ने बताया कि रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्रों से 3 अवैध संरचनाएं पूर्व में ही हटाई जा चुकी हैं और वर्तमान में कोई अवैध ढांचा मौजूद नहीं है।
- तहसील स्तर पर सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है और रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, एसडीएम हरि गिरी, एसडीएम अपूर्वा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार वर्मा, सिंचाई विभाग के एसई संजय राय, एनएचआईडीसीएल के ईई सुरेश तोमर, एसडीएफओ उदय एन. गौर, डॉ. शिप्रा शर्मा व अनिल सिंह रावत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी वर्चुअल और भौतिक माध्यम से शामिल भी हुए।
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